दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार ने लाया अनोखा कानून

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दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन को देखने के लिए एक स्थायी समिति गठित करने में सहायता के लिए केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया है. इसे तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है. विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी अध्यादेश में कहा गया कि प्रावधानों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक जेल की सजा या एक करोड़ रुपये का जुर्माना या एक साथ दोनों सजा हो सकती है. इसमें कहा गया, ‘‘अध्यादेश को NCR क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 कहा जा सकता है. यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के उन इलाके तक लागू होगा, जहां वायु प्रदूषण से संबंधित मुद्दे हैं.”

आम तौर पर एक कार्यकारी आदेश कैबिनेट के माध्यम से पारित किया जाता है. लेकिन सूत्रों ने कहा है कि अंतिम समय में अध्यादेश को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक विशेष नियम के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है ताकि इसे सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई से पहले राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित किया जा सके.

अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने बुधवार को हस्ताक्षर किये.अध्यादेश के मुताबिक दिल्ली और एनसीआर से जुड़े इलाके, आस पास के क्षेत्र जहां यह लागू होगा उसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश हैं. आयोग में 20 सदस्य होंगे, जो इसके नियमों का कड़ाई से पालन करवाना सुनिश्चित करेंगे. इसमें कहा गया, ‘‘आयोग के किसी भी प्रावधान या नियमों या आदेश या निर्देश का पालन नहीं करना दंडनीय अपराध होगा जिसके लिए पांच साल जेल की सजा या एक करोड़ रुपये जुर्माना या एक साथ दोनों सजा हो सकती है.”

आयोग के एक अध्यक्ष भी होंगे. आयोग में दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे जो केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव होंगे. इसके अलावा तीन पूर्णकालिक स्वतंत्र तकनीकी सदस्य होंगे जिन्हें वायु प्रदूषण संबंधी वैज्ञानिक जानकारी होगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक तकनीकी सदस्य भी होंगे, तथा इसरो एक तकनीकी सदस्य को नामित करेगा. वायु प्रदूषण रोकने के संबंध में अनुभव रखने वाले एनजीओ के तीन सदस्य भी होंगे. आयोग सहयोगी सदस्यों को भी नियुक्त कर सकता है.
आयोग में निगरानी और पहचान, सुरक्षा और प्रवर्तन तथा अनुसंधान और विकास में प्रत्येक से एक-एक के साथ तीन उप कमेटी होगी.

आयोग के पास वायु (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) कानून 1981, और पर्यावरण (संरक्षण) कानून 1986 जैसे मौजूदा कानूनों के तहत निवारण के लिए मामलों का स्वत: संज्ञान लेने, शिकायतों पर सुनवाई, आदेश जारी करने का अधिकार होगा .आयोग के पास एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार किसी भी गतिविधियों पर पाबंदी लगाने का अधिकार होगा.

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