उन्होंने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मतदान की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की। दिल्ली में 21 जनवरी को नामांकन के बाद से 6 फरवरी तक अमित शाह ने 42 नुक्कड़ सभाएं करके भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की हरसंभव कोशिश की। अंतिम समय तक भाजपा नेता मैदान में डटे रहे।
दिल्ली चुनाव में लगे नेताओं से वह मतदान की जानकारी भी हासिल करते रहे और रात में प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंच गए। प्रत्येक सांसद से उन्होंने उसके संसदीय क्षेत्र में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में मतदान व भाजपा की संभावनाओं के बारे में जानकारी हासिल की। एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी (आप) की सत्ता में वापसी की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
उन्होंने नेताओं को इस तरह की संभावनाओं पर ध्यान देने से मतगणना की तैयारी करने और तब तक ईवीएम की निगरानी की हिदायत दी। उन्होंने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से अनुभवी कार्यकर्ताओं को मतगणना एजेंट बनाने की हिदायत दी।