प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में कहा है कि पार्टी के स्थापना दिवस पर लखनऊ के प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से पदयात्रा निकालते हुए हजरतगंज स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम रखा गया था लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन ने बिना किसी स्पष्ट आदेश के उक्त पदयात्रा को रोक दिया और राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित नहीं करने दी.
लल्लू ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है जब कांग्रेस के किसी कार्यक्रम को पुलिस ने इस तरह रोका हो. उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्रीय पार्टी खासकर कांग्रेस को, जिसका इतिहास भारत के इतिहास से सीधा जुड़ा हो, उसे अपना स्थापना दिवस बनाने से अलोकतांत्रिक तरीके से रोकना देश में स्थापित विधिक परंपराओं को रोकने जैसा है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई की तरफ राष्ट्रपति का ध्यान दिलाते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों से अनलॉक की प्रक्रिया लगातार चल रही है और सरकारी आंकड़ों में भी जनजीवन सामान्य गति से चलने लगा है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को धारा 144 और कथित तौर पर उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के आदेशों की आड़ लेकर रोका जाना उनके नागरिक अधिकारों के साथ-साथ एक विधायक होने के नाते उन्हें मिले अधिकारों का भी लगातार हनन है.
लल्लू ने मई 2018 से लेकर 26 दिसंबर 2020 तक अपनी गिरफ्तारियां का जिक्र करते हुए कहा कि गिरफ्तारी के कारणों के तौर पर जो बातें कही गई हैं उन्हें देखने से स्पष्ट हो जाता है कि पुलिस प्रशासन ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उनके दायित्वों को पूरा करने में रुकावट डाली है.
उन्होंने कहा, ‘आदरणीय महामहिम राष्ट्रपति जी जन समस्याओं को सरकार के सामने उठाना गलत आचरण नहीं है. जहां प्रदेश सरकार के पदाधिकारियों के राजनीतिक कार्यक्रम निर्बाध रूप से चल रहे हैं, सिनेमा हॉल खुल गए हैं, होटल और शराबखाने चल रहे हैं, वहीं कांग्रेस के कार्यक्रमों को धारा 144 और महामारी एक्ट का हवाला देकर रोका गया है.’
लल्लू ने राष्ट्रपति से इसका संज्ञान लेने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘आशा है कि आप मेरी व्यथा पर स्वयं संज्ञान लेंगे और मेरे साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी देते हुए संविधान प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करेंगे.’