ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को आखिरकार कांग्रेस छोड़ दी जिसके साथ ही मध्य प्रदेश (MP Govt Crisis) की कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है. हालांकि, कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निष्कासित किया गया है. इसके साथ ही छह मंत्रियों सहित 19 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. ऐसी स्थिति में कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आ गई है. राज्य में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और उसे चार निर्दलीय, बसपा के दो और समाजवादी पार्टी के एक विधायक का समर्थन हासिल है. भाजपा के 107 विधायक हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सिंधिया ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये अपने इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने जो त्यागपत्र साझा किया है उस पर नौ मार्च की तिथि है. (India Tv)
- मध्यप्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस महासचिव केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है.
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र में सिंधिया ने कहा, ‘अपने राज्य और देश के लोगों की सेवा करना मेरा हमेशा से मकसद रहा है. मैं इस पार्टी में रहकर अब यह करने में अक्षम में हूं.’ उधर, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ””कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने को स्वीकृति प्रदान की.”
- सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने आखिरी समय तक सिंधिया को मनाने का प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.
- सियासी संकट के बीच कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने सोमवार रात इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल के नए सिरे से गठन किया जाएगा.
- सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के फोन सोमवार को बंद हो गए थे. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के कई नेताओं ने आखिरी समय पर सिंधिया से संपर्क साधने के प्रयास किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. सिंधिया ने अपने पिता माधवराव सिंधिया की जयंती के दिन कांग्रेस छोड़ने की घोषणा की.
- कांग्रेस ने भी माधवराव सिंधिया की जयंती पर उन्हें याद किया. पार्टी के अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिये कहा, ‘माधव राव सिंधिया की जयंती पर हम उन्हें सम्मान याद करते हैं. वह नौ बार लोकसभा के सदस्य रहे और रेल मंत्री के तौर पर सेवा दी. उनके कार्यकाल के दौरान ही पहली शताब्दी ट्रेन की शुरुआत हुई.’
- मध्यप्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके 27 समर्थक विधायकों के मोबाइल फोन अचानक बंद होने के बाद बुलाई गई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद करीब 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए सोमवार देर रात को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.
- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह मंत्रिमंडल की बैठक मध्यप्रदेश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और राज्यसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में सोमवार दोपहर दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर भोपाल लौटने के तुरंत बाद की. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ अपना दिल्ली दौरा बीच में छोड़कर सोमवार देर शाम भोपाल आये थे.
- न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार की देर रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ अपने आवास पर बैठक की. बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल रहे.भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने के लिए तैयार है. केंद्र में उन्हें मंत्री भी बनाया जा सकता है. कमलनाथ सरकार के गिरने की स्थिति में बनने वाली नई सरकार में सिंधिया खेमे को एक उपमुख्यमंत्री पद भी भाजपा दे सकती है. सूत्रों का यह भी कहना है कि सिंधिया तक बात पहुंचा दी गई है.
- मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं. इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं. कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है.