लोअर कोर्ट के जज द्वारा हाईकोर्ट के जज पर ऐसे आरोप से न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं. हालांकि, बाद में दूसरे जज ने आरोपी को जमानत दे दी.
इसके बाद मलिक ने इस विषय की सुनवाई करने में अपनी असमर्थता प्रकट की और 7 दिसंबर के एक आदेश में कहा कि ‘‘यह अर्जी इस अनुरोध के साथ रजिस्ट्रार जनरल, जम्मू कश्मीर उच्च न्याायलय को सौंपी समझी जाए कि यह माननीय मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखी जाएगी क्योंकि यह विषय व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है.”
राज्य के एक कानून अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ने द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश को जमानत अर्जी पर सुनवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि आरोपी को बुधवार को जमानत दे दी गई.