पूर्वी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में दिल दहला देने वाली हालत में कई शव अपने परिजनों के इंतजार में पड़े हुए हैं। एक पैर, एक गर्दन और थैले में भरी हड्डियां मोर्चरी में रखी हैं। डॉक्टरों के अनुसार, थैले में जिस शख्स की हड्डियां हैं, उसकी पहचान मोसीन के रूप में हुई है, जबकि पैर और गर्दन किसकी है, इसके बारे में उन्हें अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
अस्पताल के फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने दोनों का सैंपल सुरक्षित रख लिया है, ताकि डीएनए जांच के जरिये ये पता लगाया जा सके कि पैर और गर्दन किसकी है। यही नहीं इन दोनों अंगों की स्थिति अब बिगड़ने लगी है। अगले तीन दिन तक ही इन्हें मोर्चरी में रखा जा सकता है। अगर इस बीच भी कोई परिजन इनकी शिनाख्त के लिए नहीं पहुंचे, तो डॉक्टरों के पास डिस्पोज करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होगा।
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि मोर्चरी में एक पैर और एक गर्दन के अलावा दिल्ली पुलिस एक थैले में हड्डियां लाई थी। हड्डियां देखकर हर कोई अचंभित रह गया। पुलिस की मदद से शव की शिनाख्त तो कर दी गई है, लेकिन पोस्टमार्टम मंगलवार को हो सकेगा। अब फोरेंसिक विशेषज्ञों के आगे सबसे बड़ी चुनौती है कि आखिर ऐसा कौन सा हथियार या रसायन इस्तेमाल किया गया था, जिसकी वजह से मौसीन की ये दशा हो गई।
धर, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) की मोर्चरी में भी पांच शवों का पोस्टमॉर्टम होना बाकी है। पांच में से एक शव की शिनाख्त सोमवार को हो चुकी है, जिसका नाम आफताब है। बाकी चार शवों की पहचान अभी भी नहीं हुई है। पहचान के बाद ही पोस्टमार्टम हो सकेगा।