14 फरवरी 2020 को पुलवामा हमले की पहली बरसी थी. इस आतंकी हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे. लेकिन हमले के एक वर्ष बाद भी CRPF के शहीद जवानों के परिवार वालों तक सरकारी मदद नहीं पहुंच सकी. झारखंड के गुमला जिले के शहीद हुए जवान विजय सोरेंग के परिवार वाले भी सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं. शुक्रवार को हमले की पहली बरसी के दिन शहीद की पत्नी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसमें वो सड़क किनारे बैठकर सब्जी बेच रही थी. जिसके बाद एक ट्विटर यूजर ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग कर मदद की गुहार लगाई.
सत्ता में आने के बाद लगातार ट्विटर के माध्यम से ही समस्या के समाधान के लिए सक्रिय हेमंत सोरेन ने तुरंत जिलाधिकारी को आदेश देते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘शहीद देश की धरोहर होते हैं. कृपया इनकी हर सम्भव मदद करते हुए जरूरी सभी सरकारी योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द पहुंचाते हुए सूचित करें. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को टैग कर ट्विटर पर मुद्दा को उठाने वाले प्रशांत कुमार को भी धन्यवाद दिया और कहा कि सरकार की तरफ से इन्हें हर संभव मदद की जाएगी.
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिलाधिकारी हरकत में आए और उन्होंने जवाब में लिखा “सर जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद देने की पहल शहीद के आश्रितों को की जा रही है. आज सुबह ही अनुमंडल पदाधिकारी, सिमडेगा तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी, सिमडेगा ने शहीद के आश्रितों के घर जाकर उनसे मुलाकात तथा उनका हालचाल लिया.
गौरतलब है कि 16 फरवरी 2019 को जब शहीद विजय सोरेंग का शव रांची हवाई अड्डा पर पहुंचने वाला था तो तात्कालिन मुख्यमंत्री रघुबर दास की तरफ से बयान आया था कि वो स्वयं उन्हें श्रद्धांजलि देने हवाई अड्डे पर रहेंगे. सात मुख्यमंत्री रघुबर दास ने शहीद विजय सोरेंग की पत्नी विमला देवी से फोन पर बात भी की थी. तब उन्होंने कहा था कि पूरी झारखंड सरकार शहीद के परिवार के साथ है. उन्होंने कहा था कि इस शहादत पर झारखंड के हर नागरिक को गर्व है. हालांकि एक साल बीत जाने के बाद भी शहीद के परिवार को अबतक सरकार की तरफ से की गई सभी घोषणाओं का लाभ नहीं मिल सका है.