हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग डेढ़ वर्ष के दौरान प्रदेश के 90 हजार से अधिक लोगों का उपचार करवाया जा चुका है। राज्य सरकार ने इन पर करीब 95 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार मरीजों के उपचार पर होने वाले खर्च के सबसे तेज गति से बिलों की अदायगी करती है ताकि लोगों को कोई परेशानी न उठानी पड़े। इसके लिए केन्द्र सरकार ने हरियाणा को देश में सबसे पहले बिलों की अदायगी करने वाले प्रदेश के तौर पर पुरस्कृत भी किया है। राज्य सरकार अस्पतालों के बिलों की अदायगी मात्र 3 से 5 दिन में कर देती है, इस कारण से बकाया बिलों की संख्या मात्र 1 प्रतिशत से भी कम है।
विज ने कहा कि राज्य में इस योजना के करीब 15.50 लाख परिवार लाभार्थी है, जिनमें से करीब 18.72 लाख लोगों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। इन सभी कार्ड को शतप्रतिशत आधार कार्ड से लिंक किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के लोगों की सुविधा के हरियाणा के सभी लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे, जिसके तहत 31 मार्च 2020 तक प्रदेश के करीब 25 लाख लाभार्थियों के कार्ड बनाएंगे। इसके लिए राज्यभर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें आशावर्कस की सहायता ली जा रही है और उन्हें प्रति कार्ड पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की सहायता से अस्पतालों की गुणवत्ता निर्धारण किया जाता है तथा इसके लिए अस्पतालों को प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है। इसमें मरीजों की सुविधा और उपचार की आधुनिकता के पैमाने को शामिल होता है। उन्होंने बताया कि इस परिषद द्वारा देश के 73 अस्पतालों को गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया है, जिनमें से 45 अस्पताल हरियाणा से संबंधित है। यह राज्य के लोगों के लिए गौरव का विषय है।
आयुष्मान भारत योजना के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. रवि विमल ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को देश के सुपरस्पेशिलिटी अस्पतालों में उपचार की सुविधा प्रदान करवाने में हरियाणा, देश में पहले स्थान पर है। उन्होंने बताया कि देश के करीब 21 हजार से अधिक सरकारी एवं निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के पैनल पर है। इनमें से 526 सरकारी एवं निजी अस्पताल हरियाणा सरकार के पैनल पर है, इसके अलावा ओर अस्पताल भी पैनल पर होने की लाईन में है।