अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 24-25 फरवरी का भारत दौरा कई मायनों में रोचक बन गया है। मीडिया में उनकी गाड़ियों, विमान, सुरक्षाकर्मी, सीक्रेट एजेंट, संचार उपकरण और हथियारों की चर्चा हो रही है। आगरा में ताजमहल के कितने निकट तक ट्रंप की गाड़ी जाएगी, यह भी वादविवाद का विषय बना।
इस दौरे के लिए जो उपकरण भारत पहुंचने थे, उनकी एक सूची केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भेजी गई थी। इसमें संचार उपकरणों के अलावा हथियार एवं दूसरे कई तरह के तकनीकी गैजेट्स शामिल थे।
इन्हीं उपकरणों में हथकड़ी भी एक थी। केंद्रीय एजेंसियों ने जब अमेरिकी प्रशासन की सूची में हथकड़ी देखी, तो वे भी हैरान रह गए। ट्रंप के दौरे में आखिर हथकड़ी किस लिए, जबकि भारत में इस पर बैन लगा हुआ है।
अमेरिकी प्रशासन ने इसे राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए जरूरी उपकरणों का हिस्सा बताया। दलील दी गई कि इसे नहीं छोड़ा जा सकता। भारतीय एजेंसियों ने पूछा, हथकड़ी का इस्तेमाल कहां और कैसे होगा, ये बताया जाए। राष्ट्रपति ट्रंप के सुरक्षा प्रोटोकॉल का हवाला देकर इस सवाल का जवाब नहीं दिया गया। अंत में भारतीय एजेंसियों को हथकड़ी लाने की इजाजत देनी पड़ी।
एजेंसियों के एक अधिकारी का कहना है कि अमेरिका में तकरीबन सभी सुरक्षाकर्मी अपने साथ हथकड़ी रखते हैं। वहां पर पुलिसमैन को ऑफिसर बोला जाता है। जब वह ऑफिसर बाइक या कार में सवार होता है, तो भी उसके पास हथकड़ी रहती है।
अमेरिका में राष्ट्रपति जब भी किसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो वहां पर तैनात हर एक सुरक्षाकर्मी की बेल्ट में पिस्टल के साथ-साथ हथकड़ी भी टंगी रहती है। कई बार राष्ट्रपति के दौरे में जनविरोध, प्रदर्शन, नारेबाजी या कोई वस्तु फेंकना, आदि घटना होती है, तो उस वक्त आरोपियों को दबोचने के लिए हथकड़ी बहुत काम आती है। यही वजह है कि राष्ट्रपति के साथ चलने वाले कई सुरक्षाकर्मी अपने साथ हथकड़ी रखते हैं।
अगर होटल में या उसके आसपास कोई भी संदिग्ध वस्तु आती है, तो उन्हें अलर्ट मिल जाता है। छत पर भी ड्रोन जैसा कोई उपकरण नहीं उतर सकता। ये उपकरण इतने पावरफुल होते हैं कि ट्रंप के आसपास ड्रोन जैसा कोई सिस्टम उड़ ही नहीं सकता।