नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में जारी प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने जिन वार्ताकारों के पैनल का गठन किया है वह आज वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के घर पर आपस में मुलाकात के लिए पहुंचे हैं। बता दें कि संजय हेगड़ भी इसी पैनल का हिस्सा हैं।
इस पैनल में संजय हेगड़े के अलावा साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्लाह भी हैं। यह दोनों इस वक्त संजय हेगड़े के घर पर बैठक के लिए पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि यह सभी एक-दूसरे से बात कर शाहीन बाग भी जा सकते हैं।
बता दें कि सोमवार को शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, किसी कानून के खिलाफ प्रदर्शन करना लोगों का मौलिक अधिकार है। लेकिन सड़क को ब्लॉक किया जाना चिंता का विषय है और अवश्य ही संतुलन बनाए जाने की जरूरत है। यही तरीका अगर अन्य समूह भी अपनाएंगे तो अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाएगी।
कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों से बात करने और उन्हें वैकल्पिक स्थल पर जाने को मनाने को कहा, जहां कोई सार्वजनिक स्थल ब्लॉक न हो।
सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में रास्ता घेरकर दो महीने से ज्यादा समय से धरना दे रही महिलाओं का कहना है कि अगली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता खाली करने का निर्णय दिया तो सभी प्रदर्शनकारी उसे स्वीकार करेंगे। महिलाओं ने सोमवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर सोमवार सुबह से ही शाहीन बाग में सबकी सांसें थमी हुई थीं। दोपहर करीब 2 बजे निर्णय आने के बाद हर कोई उसे जानने के लिए उत्सुक दिखा। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी चाहिए।
अदालत की ओर से प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह को मध्यस्थ नियुक्त करने का धरने पर बैठी महिलाओं ने तालियां बजाकर स्वागत किया। दादी बिलकिस ने मंच से दूसरी महिलाओं को इसकी जानकारी दी। दादियों ने कहा कि वे मध्यस्थों के समक्ष अपनी बात विस्तार से रखेंगी।