मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की है कि राज्य सरकार महंगाई के असर को कम करने के लिए गरीब परिवारों को हर साल 500 रुपये प्रति सिलेंडर के मूल्य पर 12 सिलेंडर देगी. कुछ दिन पहले भारत जोड़ो यात्रा के तहत अलवर जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा था कि सरकार रसोई किट देने पर भी विचार करेगी.
साथ ही, राज्य सरकार अस्थायी (गिग) अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी प्रावधान ला सकती है. राहुल गांधी ने भी इस तरह का सुझाव दिया है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम आगामी चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बढ़त दिला सकता है.
किसी परियोजना में एक निश्चित अवधि के लिए अस्थायी रूप से काम करने वाले कामगार ‘गिग’ क्षेत्र में आते हैं. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अस्थायी कर्मचारियों को कानूनी संरक्षण प्रदान कर और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर बजट में उनके लिए प्रावधान लाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य होगा.”
राज्य विधानसभा का सत्र 23 जनवरी से शुरू होगा. अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने जुलाई में गिग कर्मियों के बीच एक सर्वेक्षण कराके उनके फायदों और चुनौतियों के बारे में पता लगाया. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह क्षेत्र उभरता हुआ है और इस क्षेत्र के कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा देकर चुनाव में कांग्रेस को लाभ मिल सकता है.
एक अधिकारी ने कहा कि बजट पूर्व बैठकें हो चुकी हैं और समाज के अनेक वर्गों के सुझाव मिले हैं. पार्टी के एक नेता ने कहा कि राज्य में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए थे और इन पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें राहुल गांधी ने पार्टी की राज्य इकाई और मुख्यमंत्री को दी हैं, जिनके बजट में शामिल किए जाने की संभावना है.
पार्टी नेता ने कहा, ‘‘उनमें से एक सिफारिश गिग कर्मियों के कल्याण के बारे में है. राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से स्विगी, ज़ोमैटो, उबर, ओला आदि जैसे कामगारों की बात की है. बजट में ऐसे श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रावधान होने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री पहले ही बीपीएल और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 500 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से एक साल में 12 एलपीजी सिलेंडर देने की घोषणा कर चुके हैं.”