संसद की सुरक्षा में बुधवार को बड़ी चूक के बाद सांसदों के निजी सहायकों के संसद में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही सूत्रों ने जानकारी दी है कि दर्शकों का संसद में प्रवेश भी निलंबित कर दिया गया है. संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन दो लोगों ने लोकसभा में और दो लोगों ने संसद के बाहर जमकर हंगामा किया. इस घटना के बाद संसद की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस घटना में कुल छह लोग शामिल थे, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है और दो की तलाश की जा रही है.
लोकसभा में दो युवकों ने दर्शक दीर्घा से नीचे कूदने के बाद सदन की बेंचों पर कूदने-फांदने लगे और इसी दौरान उन्होंने अपने जूते में छिपाया स्प्रे निकाल लिया. आरोपियों ने लोकसभा में स्प्रे छिड़क दिया, जिससे पीला धुंआ फैल गया. बाद में दोनों आरोपियों को सांसदों ने पकड़कर सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया.
सूत्रों के मुताबिक, सब कुछ पूरी प्लानिंग के साथ किया गया. साजिश में कुल छह लोग शामिल थे. इनमें से दो ने संसद के अंदर और दो ने संसद के बाहर हंगामा किया. इस मामले में दो लोग अभी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के बाहर से आए सभी 5 लोग गुरुग्राम में एक जगह रुक थे. यह लोग गुरुग्राम में ललित झा नाम के शख्स के घर पर रुके थे. पांच लोगों की पहचान हो चुकी है, छठे की पहचान की कोशिश की जा रही है.
सांसदों के निजी सहायकों और दर्शकों के संसद में प्रवेश को लेकर रोक कब तक जारी रहेगी, इस पर फिलहाल कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है.
बता दें कि संसद में किसी भी दर्शक के प्रवेश की प्रक्रिया बेहद सख्त है. इसके लिए आवेदन पर किसी सांसद को हस्ताक्षर करने होते हैं. उसके बाद संसद की सुरक्षा प्रणाली के द्वारा आवेदन को दिल्ली पुलिस के पास भेजा जाता है. इसके बाद ही उस व्यक्ति को अनुमति दी जाती है. संसद में भी कई स्तरों की सुरक्षा के बाद ही प्रवेश दिया जाता है.