मुंबई हमले का मुख्य साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद के आतंकी फंडिंग के दो मामलों को आतंकवाद रोधी अदालत ने मंगलवार को लाहौर ट्रांसफर कर दिया गया है। ऐसा आतंकी सरगना हाफिज सईद की अपील पर किया गया। संयुक्त राष्ट्र में एक करोड़ डॉलर के ईनामी आतंकी हाफिज सईद को आतंकी फंडिंग के मामले में 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। 70 वर्षीय इस आतंकी को कोट लखपत की कड़ी सुरक्षा में बंद किया गया था। लाहौर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ममून राशिद शेख ने हाफिज सईद की याचिका पर सुनवाई के साथ ही उसके करीबी जफर इकबाल के खिलाफ भी सुनवाई हुई।
इकबाल अल-अनफाल ट्रस्ट का सचिव भी है। कोर्ट ने हाफिज सईद की याचिका स्वीकार कर ली और 12 फरवरी को सईद और इकबाल को आतंकी फंडिंग के दो मामलों में सजा सुनाई गई। यह दोनों मामले लाहौर और गुजरनवाला शहरों में दर्ज थे। आतंकवाद रोधी कोर्ट के जज अरशद हुसैन भुट्टा ने सईद और इकबाल को दोनों मामलों में साढ़े पांच साल की कैद और 15 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। इनकी कुल सजा 11 साल कैद की होगी। सईद के वकील इमरान फैजल गिल ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को एफएटीएफ मामले पर दबाव के चलते दोषी ठहराया गया है।