महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रस्ताव पारित नहीं करेगी। किसी को भी इससे डरने की जरुरत नहीं है।
अजित पवार ने पार्टी के मुंबई विंग के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र के लोगों को सीएए, एनआरसी और एनपीआर से डरने की जरुरत नहीं है। कुछ लोग इसपर बहस करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यदि केोई गलतफहमी पैदा करने की कोशिश करता है तो एनसीपी कार्यकर्ता उसे बता दें कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और महाविकास अघाड़ी के अन्य मंत्रियों ने कहा है कि राज्य में किसी की नागरिकता पर कोई आंच नहीं आएगी।’
उन्होंने कहा कि इन आश्वासनों के साथ विधानसभा में बिहार जैसा प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं है। पवार ने कहा, ‘बिहार का फॉर्मूला यहां लागू करने की जरुरत नहीं है।’ बता दें कि बिहार विधानसभा ने 25 फरवरी को विधानसभा में राज्य में एनआरसी लागू न करने को लेकर प्रस्ताव पारित किया था।
बिहार विधानसभा से एक और प्रस्ताव पारित हुआ था जिसके अनुसार एनपीआर को 2010 के स्वरूप में, संशोधन के साथ लागू होगा। कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया था।
वहीं सम्मेलन को संबोधित करते हुए शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली हिंसा और समाज के ध्रुवीकरण के लिए जिम्मेदार ठहराया। पवार ने कहा, ‘देश की राजधानी जल रही थी। केंद्र में सत्तारूढ़ दल दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं जीत सका और उसने सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर समाज को विभाजित करने का प्रयास किया।’
बता दें कि कुछ दिनों पहले जब उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात करने के बाद उन्होंने साफ कर दिया था कि वह सीएए और एनपीआर का समर्थन करेंगे। जिससे उनके सहयोगी नाराज हो गए थे और उन्होंने अपने इस फैसले पर उन्हें दोबारा सोचने के लिए कहा था