राणा दंपती पर बीएमसी ने कसा शिकंजा, आवास में अतिक्रमण को लेकर जारी किया नोटिस

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राणा दंपती को 23 अप्रैल को सीएम ठाकरे के निवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने के एलान के बाद गिरफ्तार किया गया था।

बीएमसी ने अमरावती के सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा को नगर निगम अधिनियम की धारा 351(1ए) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बीएमसी का कहना है कि इन्होंने अपने आवास में अतिक्रमण कर निर्माण किया है। सीएम उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा करने का एलान करने के मामल में राणा दंपती को जेल हुई थी। कई दिन जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली थी। 

राज्य सरकार के साथ ही अब दंपती पर बीएमसी ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आरोप है कि राणा दंपती ने अतिक्रमण कर आवास में निर्माण किया है। नवनीत राणा निर्दलीय सांसद हैं और उनके पति रवि राणा निर्दलीय विधायक हैं। उन्हें 23 अप्रैल को राणा दंपती को 23 अप्रैल को सीएम ठाकरे के निवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने के एलान के बाद गिरफ्तार किया गया था। 5 मई को उनकी रिहाई के तुरंत बाद नवनीत को भायखला जेल से लीलावती अस्पताल ले जाया गया था।
अदालत ने राणा दंपती को पहले ही पुलिस ने सार्वजनिक रूप से बयानबाजी के लिए नोटिस जारी किया है जिनका उन्हें जवाब देना है। अदालत ने उन्हें इसी शर्त पर जमानत दी थी कि वह हनुमान चालीसा और अपनी गिरफ्तारी पर किसी तरह का बयान नहीं देंगे। इसके जवाब में नवनीत राणा का कहना था कि अगर उन्हें जय श्रीराम कहने के कारण पूरी उम्र भी जेल में बितानी पड़े तो वह तैयार हैं।

नवनीत राणा व उनके विधायक पति रवि राणा 9 मई को दिल्ली भी जाने का कार्यक्रम था। इनका कहना था कि वे पीएम नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर महाराष्ट्र के अफसरों द्वारा जेल में उनके साथ बुरे बर्ताव की शिकायत करेंगे। राणा दंपति ने कहा कि उन्होंने कोर्ट की कोई अवमानना नहीं की है। मुंबई में पत्रकारों से चर्चा करते हुए राणा दंपती ने कहा कि भाजपा की पीठ में छुरा घोंपने वाले सीएम उद्धव ठाकरे को हमें नियम सिद्धांतों का पाठ नहीं पढ़ाना चाहिए। राणा दंपती ने यह भी कहा कि मीडिया से बात करके उन्होंने कोई कोर्ट की अवमानना नहीं की।

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