दिल्ली हिंसा पर हंगामे के बाद दो बजे तक दोनों सदन स्थगित, कांग्रेस ने शाह का मांगा इस्तीफा

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दिल्ली हिंसा पर राज्यसभा हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार तीन दिनों तक सोई रही। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर इसका विरोध करते हुए तत्काल चर्चा कराने की मांग की। इससे पहले विपक्ष ने दोनों सदनों में हंगामा किया। इसके बाद दो बजे तक के लिए दोनों सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है। लोकसभा में जेडीयू सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो के निधन के शोक संदेश के बाद लोकसभा में मौजूद सभी सासंदों मे ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहले संसद परिसर में गांधी की प्रतिमा के सामने आप, टीएमसी और कांग्रेस के सांसदों ने अलग-अलग प्रदर्शन किया।

 

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास दिल्ली हिंसा को लेकर धरना दिया। तृणमूल सदस्य नें हाथों में पोस्टर लेकर नारे लगाए। पार्टी सांसद आंखों पर पट्टी भी बांधे हुए थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा के मुद्दे को संसद में जोरदार तरीके से उठाएंगे। वे सरकार से इस मामले पर जवाब देने की मांग कर रहे थे।
विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा और राज्यसभा में दिल्ली दंगों पर चर्चा करने के लिए भी नोटिस दिया है। नोटिस देने वालों में एन के प्रेमचंद्रन (आरएसपी), पी के कुन्हालीकुट्टी (मुस्लिम लीग), इलामरम करीम (माकपा) और बिनय विश्वाम (भाकपा) आदि शामिल हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी सांसदों ने प्रदर्शन करते हुए गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक संसद परिसर में प्रदर्शन से पहले पार्टी सांसदों ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक रणनीतिक बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में दिल्ली हिंसा को लेकर संसद के भीतर और बाहर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई।

बापू की प्रतिमा के सामने राहुल गांधी की अगुवाई में मौजूद कांग्रेस सांसदों ने गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग वाले बैनर और तख्तियां ले रखी थीं। उन्होंने ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’ और ‘नफरत की भाषा बंद करो’ के नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम समेत कई अन्य सांसद मौजूद रहे।

जेडीयू के दिवंगत सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो को श्रद्धांजलि देने के बाद निचले सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की बैठक शुरू होते ही अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन को बिहार के बाल्मीकि नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद महतो के निधन की जानकारी दी। सदन ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि दी। महतो का निधन 28 फरवरी को 72 वर्ष की आयु में नई दिल्ली में हो गया। दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि देने के बाद अध्यक्ष बिड़ला ने सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार तीन दिनों तक सोई रही। हिंसा के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में चर्चा कराने की मांग कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन नायडू ने बैठक शुरू होने पर दस्तावेज सदन पटल पर प्रस्तुत कराने के बाद बताया कि उन्हें विभिन्न दलों के सदस्यों की ओर से दिल्ली और देश के अन्य इलाकों में कानून व्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा कराने की मांग कराने संबंधी नोटिस मिले हैं।

उन्होंने कहा कि यद्यपि यह विषय मत्वपूर्ण है इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन दिल्ली में अब सामान्य हालात बहाल हो गए हैं। नायडू ने कहा कि वह इस विषय पर नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष और संबद्ध मंत्रियों से विचार विमर्श करने के बाद ही चर्चा का समय तय करेंगे। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर इसका विरोध करते हुए तत्काल चर्चा कराने की मांग की। 

राज्यसभा में पूर्व सदस्य एवी स्वामी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन को स्वामी के पिछले वर्ष 31 दिसंबर को हुए निधन की जानकारी देते हुए दिवंगत पूर्व सदस्य को श्रद्धांजलि दी। नायडू ने बताया कि 91 वर्षीय स्वामी का ओडिशा में नौपाड़ा जिले में निधन हो गया था।

सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्वामी ने राज्यसभा में निर्दलीय सदस्य के रूप में अप्रैल 2012 से अप्रैल 2018 तक ओडिशा का प्रतिनिधित्व किया था। नायडू ने उच्च सदन के सदस्य रहते हुए स्वामी के योगदान को सराहनीय बताते हुए कहा कि उनके निधन से देश ने महान स्वातंत्रता सेनानी और अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ता खो दिया है। इसके बाद सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर नायडू के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा।

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