Hathras Case: हाथरस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गंभीर टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि पीड़िता कम से कम धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार की हकदार थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि किसी को भी पीड़िता के चरित्र हनन के प्रयास में शामिल नहीं होना चाहिए, ठीक उसी तरह कि आरोपियों को सुनवाई के पहले दोषी नहीं ठहराया नहीं जाना चाहिए. कोर्ट ने हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. अदालत यूपी के हाथरस के एक गांव में 20 साल की दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और बर्बर तरीके से टॉर्चर के मामले पर सुनवाई कर रही है. युवती की बाद में दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई थी.
पीड़ित परिवार ने अदालत से कहा था कि उन्हें लड़की का मुंह भी नहीं देखने दिया गया और ज़बरदस्ती उसे जला दिया गया. इस पर कोर्ट ने डीएम से पूछा कि अगर वो किसी बड़े आदमी की बेटी होती तो क्या उसे इस तरह जला देते?