दिल्ली हिंसा को लेकर विदेशी मीडिया द्वारा मनगढ़ंत व तथ्यहीन रिपोर्टिंग से भारत की गलत तस्वीर पेश किए जाने को सरकार ने गंभीरता से लिया है। हिंसा को लेकर विदेशी मीडिया की लगातार एकतरफा और तथ्यहीन रिपोर्टिंग की मिल रही शिकायतों पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जांच के बाद सख्ती से निपटने का फैसला किया है। इसके लिए सोमवार और मंगलवार को कई दौर की बैठकें हुईं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी हिंसा को लेकर झूठी खबरों का संज्ञान लिया है। पीएमओ ने तत्काल प्रभाव से स्पष्टीकरण के साथ सही स्थिति सामने लाने को कहा है। प्रसार भारती ने इस पर तत्परता दिखाते हुए एक के बाद एक ट्वीट कर आक्रामक रुख अपनाते हुए जता दिया कि सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब नहीं होने देगी। केंद्र सरकार का मानना है कि एक के बाद एक नकारात्मक खबरों से देश की छवि को धक्का लगा है।
मंत्रालय ने दिल्ली हिंसा के बारे में विदेशी मीडिया को तथ्यों से अवगत कराने का फैसला लिया है। मनगढ़ंत खबरों की शिकायतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है। दरअसल मुंबई की एक संस्था ने वॉल स्ट्रीट जनरल अखबार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसकी जांच दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है।
इसके अलावा मंगलवार को एक चैनल के खिलाफ शिकायत का भी मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। शिकायत में मांग की गई है कि समाज को बंटाने वाली और एकतरफा खबरें दिखाने वालों को उनके देश वापस भेज दिया जाए।