चीन के बाद कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा मौतें इटली में दर्ज हुई हैं। यहां अब तक 1,226 लोग इस संक्रमण की वजह से काल के गाल में समा चुके हैं। हालांकि चीन के आंकड़ों पर दुनियाभर की एजेंसियां शक भी जता रही हैं। चीन में अब तक 3,176 मौतें हुई हैं। चीनी सरकार ने कहा है कि वह कोरोना वायरस पर नियंत्रण कर चुकी है।
वहीं इटली और यूरोप को चीन के बाद कोरोना वायरस का दूसरा बड़ा केंद्र माना जा रहा है। यहां इन दोनों ही क्षेत्रों से लोग दुनियाभर में पहुंचे हैं और उनके साथ ही फैला है यह जानलेवा कोरोना वायरस। हमारे देश में अब तक कोरोना संक्रमण के जितने भी मामले दर्ज हुए हैं, उनमें से अधिकांश का यात्रा विवरण यह बताता है कि उन्होंने इटली और यूरोप की यात्रा की है।
हमारे देश में कोरोना के मामले मिलने से पहले एहतियातन चीन से आने वाले यात्रियों की जांच शुरू की गई थी। तब तक इटली और यूरोप से आने वाले लोग बेधड़क भारत में पहुंचते रहे। जयपुर में जिन 14 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई वो सभी इटली से आए हुए पर्यटक थे। इसके बाद संक्रमण के जो मामले सामने आए या जिन पर शंका हुई वो सभी हाल-फिलहाल में इटली या यूरोप की यात्रा पर जा चुके थे।
इसका मतलब यह हुआ कि यदि हमारा तंत्र समय रहते इटली और यूरोप से आने वाले लोगों की स्कैनिंग शुरू कर देता तो शायद यह संक्रमण इतना बड़ा रूप न ले पाता। वहीं कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले भारतीय भी यदि जागरूकता और सतर्कता दिखाते हुए प्रशासन की सहायता करें तो इस संक्रमण को काफी तेजी से रोका जा सकता है।
हाल ही में हमारे देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनसे यह पता चलता है कि यदि हम अपने नागरिक कर्तव्यों का जिम्मेदारी के साथ पालन करते तो कोरोना का आंकड़ा 80 तक न पहुंचता। कोरोना प्रभावित देशों से कई ऐसे लोगों के बारे में आपने समाचार माध्यमों पर पढ़ा होगा जिन्होंने अपना यात्रा विवरण छुपाए रखा। तो कई ऐसे भी थे, इलाज छोड़ अस्पताल से भाग गए।
उड़ीसा के कटक में कोरोना के संभावित संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया एक आयरिश नागरिक भाग गया। वह भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भारत पहुंचा था। प्रशासन उसकी तलाश कर रहा है।
वहीं कर्नाटक के मंगलूरू से भी कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज भाग गया। ऐसी ही घटना महाराष्ट्र के नागपुर से भी आई है। जहां अस्पताल में भर्ती चार लोग बिना सूचना दिए वापस घर चले गए। पुलिस ने चारों का पता लगाकर उन्हें अस्पताल लौटने के लिए कहा है।
वहीं चीन ने बेहद सख्ती से कोरोना से निपटने की योजना बनाई और उसमें सफल होता भी दिख रहा है।