मध्य प्रदेश के 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। इस्तीफा देने वाले 22 में से 19 विधायक इस वक्त बेंगलुरु के प्रेस्टीज गोल्फशायर रिजॉर्ट में ठहरे हैं। इन विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने की खबर के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मध्य प्रदेश के विधायकों के इस्तीफे को भाजपा कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई बता रही है। वहीं, ये भी खबर आ रही है कि बेंगलुरु में मौजूद 22 बागी विधायकों की निगरानी भाजपा के एक विधायक कर रहे हैं। भाजपा के इस विधायक को गृहमंत्री अमित शाह का करीबी बताया जा रहा है। 22 विधायक बेंगलुरु में डाले हैं डेरा मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच अरविंद लिंबावली का नाम उभरकर सामने आया है, वे कर्नाटक के महादेवपुरा से विधायक हैं और मंत्री भी रह चुके हैं। कर्नाटक में भाजपा के सत्ता में आने के बाद ऐसी अटकलें थी कि लिंबावली को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है हालांकि हुआ नहीं। वहीं, मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच लिंबावली बीजेपी के लिए ‘संकटमोचक’ की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस के 22 बागी विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी लिंबावली को दी गई है। ये भी पढ़ें: लखनऊ पोस्टर केस: योगी सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार लिंबावली कर रहे 22 विधायकों की निगरानी मार्च के पहले हफ्ते में बेंगलुरु पहुंचे तीन विधायकों को लिंबावली के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गेटेड कम्युनिटी सेंटर में रखा गया था। सोमवार को पहुंचे बाकी विधायकों को बेंगलुरु एयरपोर्ट के पास प्रेस्टीज गोल्फशायर रिजॉर्ट में रखा गया था। हालांकि, इसको लेकर भाजपा के नेता कुछ बोलने से बच रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, लिंबावली को कुछ दिनों पहले ही दिल्ली बुलाया गया था और उन्हें ‘ऑपरेशन लोटस’ की जिम्मेदारी दी गई थी। ये भी बताया जा रहा है कि पूरे मामले पर लिंबावली ने केवल सीएम येदियुरप्पा के साथ ही जानकारी साझा की है। रिजॉर्ट पॉलिटिक्स में ‘संकटमोचकों’ पर नजरें ये पहली बार नहीं है जब रिजॉर्ट पॉलिटिक्स में किसी ‘संकटमोचक’ की चर्चा हो रही है। 2018 के राज्यसभा चुनाव के दौरान डीके शिवकुमार ने गुजरात के कांग्रेस विधायकों को संभालने का काम किया था। वहीं, कर्नाटक में भी सरकार बनाने के दौरान डीके शिवकुमार ने जेडीएस-कांग्रेस के विधायकों को रिजॉर्ट में रखा था। इस तरह डीके शिवकुमार ने कांग्रेस के लिए ‘संकटमोचक’ की भूमिका निभाई थी। मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक जयपुर शिफ्ट किए गए दरअसल, 18 सालों तक कांग्रेस में रहने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफा दिया तो मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई। उनके इस कदम के बाद 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। फिलहाल, मध्य प्रदेश के 86 विधायकों को जयपुर के ब्यूना विस्ता रिजॉर्ट शिफ्ट किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट के पहले तक ये विधायक इसी रिजॉर्ट में रहेंगे।