केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राजरहाट में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के नये भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि
देश का रुख आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने वाला है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रभावी और अग्रसक्रिय रक्षा नीति विकसित की है।अमित शाह ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक करने के मामले में भारत अब अमेरिका और इजराइल जैसे देशों के समूह में शामिल हो गया है। बता दें कि गृहमंत्री शाह कोलकाता के दो दिवसीय दौरे पर रविवार सुबह यहां पहुंचे।
जो लोग राष्ट्र को विभाजित करना चाहते हैं और इसकी शांति को रोकना चाहते हैं, उन्हें एनएसजी की उपस्थिति से डरना चाहिए। अगर वे तब भी आते हैं तो उनसे लड़ना और उन्हें हराना एनएसजी की जिम्मेदारी है। हम पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं। हमारे 10,000 वर्षों के इतिहास में भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया। हम किसी को भी अपनी शांति में खलल डालने की इजाजत नहीं देंगे और जो भी जवानों की जान लेगा, उसे इसका भुगतान करना पड़ेगा।
गृह मंत्री ने कहा कि हम ऐसी नीति पर काम कर रहे हैं जिसके तहत जवानों को साल में कम से कम 100 दिन अपने परिवारों के साथ रहने का मौका मिले। मुंबई हमलों के बाद राष्ट्र ने एनएसजी के नेटवर्क का विस्तार करने का फैसला किया। एनएसजी ने धीरे-धीरे पूरे देश में अपनी उपस्थिति साबित की है। आज के उद्घाटन के बाद केवल समन्वय बेहतर होगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन कर रहे हैं और एनएसजी इसतक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाता है।
हम आपको अच्छे आवास प्रदान कर सकते हैं, सरकार आपके परिवारों की जरूरतों का ध्यान रख सकती है, हम आपको आधुनिक उपकरण और तकनीक प्रदान कर सकते हैं, लेकिन युद्ध बहादुरी से जीते जाते हैं, उपकरण से नहीं। शौर्य युद्ध जीतता है, उपकरणों के टुकड़े उसमें केवल एक भूमिका निभाते हैं। उपकरण और प्रौद्योगिकी कभी भी इस बहादुरी की जगह नहीं ले सकते। अमित शाह ने कहा, ‘पांच साल के अंदर एनएसजी ने भारत सरकार से जो अपेक्षाएं रखी हैं, वो सारी की सारी अपेक्षाओं की पूर्ती मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार सुनिश्चित रूप से करेगी। एनएसजी ने अपनी स्थापना से आज तक अपने जवानों के सर्वोच्च बलिदान से न केवल सरकार बल्कि देश और दुनिया में और विशेषकर भारतीय जनता में एक भरोसा अर्जित करने में बड़ी सफलता प्राप्त किया है।’