गुरुवार को बंगलूरू में सीएए विरोधी रैली के दौरान दिए विवादित बयान पर एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने माफी मांग ली है। मामले को तूल पकड़ता देख पठान ने कहा कि मेरे कहे गए शब्दों को राजनीतिक तरीके से देखा जा रहा है। यह मुझे और मेरी पार्टी को बदनाम करने की साजिश के तहत किया जा रहा है। अगर किसी को मेरे शब्दों से किसी प्रकार की ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं और माफी मांगता हूं
वारिस पठान ने शनिवार को बांद्रा स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ भ्रम पैदा करने की कोशिश की गई। पठान ने कहा कि मेरा मतलब 15 करोड़ नाराज मुसलमानों से था। मैंने 100 करोड़ हिंदुओं को नहीं बल्कि 100 नेताओं पर टिप्पणी की थी। मैं0ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक और भाजपा के 100 नेताओं के खिलाफ बोला था। मैं सभी धर्मों का आदर करता हूं और मैं देशविरोधी नहीं हूं।
इसके बाद प्रदेश एमआईएम के अध्यक्ष व औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि पठान की सफाई के बाद अब यह मुद्दा खत्म हो गया है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने पठान के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने पठान को चेतावनी दी थी कि हिंदुओं की सहिष्णुता को उनकी कमजोरी न समझें। भारत में 100 करोड़ हिंदू रहते हैं इसलिए अल्पसंख्यक सुरक्षित और स्वतंत्र हैं। इधर, पठान के बयान को लेकर शनिवार को औरंगाबाद, धुले, बीड सहित राज्य के कई जिलों विरोध प्रदर्शन हुआ और पठान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
पठान ने सीएए विरोधी रैली में शाहीन बाग धरने को लेकर कहा था कि अभी तो शेरनियां बाहर निकली हैं और तुम पसीना-पसीना होने लगे हो, हम 15 करोड़ हैं लेकिन 100 पर भारी पड़ेंगे। इस बयान के चलते उनकी जमकर आलोचना हुई। इसे लेकर उनका काफी विरोध भी हुआ। असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बयान पर उनसे जवाब मांगा था।
केंद्रीय राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भी इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि ऐसी स्तिथि देश के लिए खतरनाक साबित हो सकती है और सरकार इस पर कार्रवाई करेगी। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी पठान के बयान की निंदा करते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की थी। उनका कहना था कि अगर पठान माफी नहीं मांगते तो राज्य सरकार को उनपर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।