गुजरात में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को झटके पर झटका

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गुजरात में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को झटके पर झटका लग रहा है। पहला झटका तो उसे 8 दिसंबर को तब लगा, जब गुजरात में आप की सरकार बनने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल को केवल 5 सीटें मिलीं।

 गुजरात में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को झटके पर झटका लग रहा है। पहला झटका तो उसे 8 दिसंबर को तब लगा, जब गुजरात में आप की सरकार बनने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल को केवल 5 सीटें मिलीं। जबकि केजरीवाल ने मीडिया के सामने लिखकर दिया था कि आइबी रिपोर्ट भी उन्हें मिली है और वह दावा कर रहे हैं कि 8 दिसंबर को गुजरात में आप की सरकार बनेगी। मगर चुनाव परिणाम आते ही उनके सारे दावे फुस्स हो गए। अब आप पार्टी के सामने एक नया संकट आ खड़ा हुआ है। दरअसल आप पार्टी के जीते हुए पांचों विधायक गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी से प्रभावित होकर भाजपा में जाने का मन बना रहे हैं। यह बात अलग है कि अभी आप के सिर्फ एक विधायक ने ही खुले मंच पर आकर यह इच्छा जताई है। यह खबर सुनते ही अरविंद केजरीवाल समेत आप पार्टी में भूचाल आ गया है।

ये रहा भूपत बयाणी का पूरा बयान

“गुजरात की जनता ने भाजपा को बड़ा और प्रचंड जनादेश दिया। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और सीएम भूपेंद्र पटेल व सीआर पाटिल के नेतृत्व में गुजरात की जनता ने जो जनादेश दिया है मैं उसका सम्मान करता हूं। अगर मैं अपने किसानों के लिए अपने व्यापारियों के लिए छोटे-बड़े उद्यमियों के लिए व क्षेत्र की जनता के लिए कुछ करना चाहता हूं तो यह मेरा हक है। मैं चुन चुनकर आया हूं। जनता ने मुझपर विश्वास किया है। अब इनके लिए मैं कुछ करना चाहता हूं। अगर मैं सरकार के साथ नहीं जुड़ूंगा तो मुझे दिक्कत होगी या नहीं होगी?… मैं क्षेत्र के लिए कुछ करना चाहता हूं। हमारे क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए बहुत दिक्कत है। मैं उनके लिए भी कुछ करना चाहता हूं।”

2002 से पीएम मोदी के फैन
भूपत बयाणी ने कहा कि “मैं वर्ष 2002 से पीएम मोदी का फैन हूं। जब वह पहली बार गुजरात के सीएम बने थे। 2014 तक सीएम रहे। उसी कार्यकाल में मैं भी भाजपा में लीडर के तौर पर पैदा हुआ। नरेंद्र भाई के नेतृत्व में काम किया। जब वह देश के पीएम बने और देश का नाम विश्व में रोशन किया तो हमें गर्व हुआ, पूरे गुजरातवासी को गर्व हुआ। आज भी हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि राज्य के पूर्व सीएम विजय रुपाणी से हमारे बहुत ही पारिवारिक संबंध हैं। वह हमारे पास के गांव से हैं। जब मैं युवा मोर्चे का अध्यक्ष था, तब से लेकर आज तक उन्होंने मुझे बेटे की तरह पाला। यह भी एक वजह है कि मैं सरकार के साथ जुड़ना चाहता हूं। ”

भूपत बयाणी के बयान से सियासत में भूचाल
आप विधायक भूपत बयाणी के इस बयान से आप पार्टी में खलबली मची है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अब आशंका है कि उनके बाकी चार विधायक भी कहीं, भाजपा में न चले जाएं। सूत्रों के अनुसार आप के पांचों विधायक भाजपा से संपर्क साध रहे हैं और वह स्वेच्छा से सरकार के साथ जुड़ने के इच्छुक हैं। आपको बता  दें कि यदि आप के 5 में से 3 विधायक एक साथ भाजपा में जाते हैं तो उनपर दलबदल कानून भी लागू नहीं होगा। बताया जा रहा है कि पांचों आप विधायकों में आपस में भी बातचीत चल रही है। वह सभी जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

इधर अपने विधायकों को रोकने के लिए आप पार्टी और अरविंद केजरीवाल कोई उपाय खोजने में जुटे हैं। मगर उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा है। गुजरात की सियासत में पैदा हुए मौजूदा हालात बताते हैं कि अभी राज्य में आप पार्टी को और भी बड़ा झटका लग सकता है। आप विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी से जुड़े कई अन्य आप नेता भी भाजपा में जा सकते हैं। वैसे भी पूर्व सीएम विजय रुपाणी कह चुके हैं कि हमारी पार्टी में कोई आना चाहता है तो स्वागत है।

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