अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने दिल्ली में हिंसा पर चिंता जताते हुए भारत सरकार से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है. यूएससीआईआरएफ के अध्यक्ष टोनी पर्किंस ने बुधवार दोपहर को जारी एक बयान में कहा, ‘‘हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह भीड़ हिंसा का शिकार बने मुसलमानों और अन्य समूहों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए गंभीर प्रयास करे.” दिल्ली में सीएए को लेकर भड़की हिंसा में कम से कम 35 लोग मारे गए हैं और 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.
दिल्ली में हुई हिंसा पर यूएससीआईआरएफ और कुछ अन्य के बयानों पर गुरुवार को प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने गुरुवार को कहा, ‘‘हमने यूएससीआईआरएफ, मीडिया के कुछ तबकों और कुछ लोगों द्वारा दिल्ली में हिंसा की हालिया घटनाओं को लेकर की गई टिप्पणियां देखी. ये तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है. ऐसा लगता है कि इसका उद्देश्य मुद्दे का राजनीतिकरण करना है.” विदेश मंत्रालय (एमईए) ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उसका इशारा किन लोगों की ओर है। माना जा रहा है कि यह दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर भारत के आलोचक अमेरिकी सांसदों के लिए कहा गया है.
वहीं, अमेरिका में राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स ने भी इस पर चिंता जताई थी. हिंसा के मुद्दे पर सैंडर्स ने बुधवार को ट्वीट किया था, ‘‘ 20 करोड़ से अधिक मुसलमान भारत को अपना घर कहते हैं. व्यापक पैमाने पर मुस्लिम विरोधी भीड़ की हिंसा में कम से कम 27 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. ट्रम्प ने यह कहकर जवाब दिया कि ‘यह भारत का मामला है. यह मानवाधिकारों पर नेतृत्व की नाकामी है.”
यूएससीआईआरएफ आयुक्त अरुणिमा भार्गव ने भी कहा कि दिल्ली में ‘‘नृशंस एवं अनियंत्रित हिंसा” के खिलाफ सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुई साम्प्रदायिक हिंसा में अभी तक 35 लोगों के मारे जाने की खबर है और 200 से अधिक लोग घायल हैं.