महाराष्ट्र में भीमा-कोरेगांव मामले की एनआईए से जांच को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हरी झंडी देने से नाराज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख ने अब महाराष्ट्र सरकार की ओर से मामले की एसआईटी जांच कराने का फैसला ले लिया है. यानी कि केंद्र की ओर से भीमा कोरेगांव हिंसा (Bhima-Koregaon Violence) की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी और राज्य सरकार एसआईटी जांच कराएगी. शरद पवार की मौजूदगी में सोमवार को हुई एनसीपी के नेताओं की बैठक में एसआईटी जांच कराने का फैसला लिया गया.
पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपे जाने का विरोध किया था. लेकिन बाद में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसकी मंजूरी दे दी. इस पर शरद पवार नाराज बताए जा रहे हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने सोमवार को एनसीपी के सारे नेताओं की बैठक ली. इस बैठक में फैसला लिया गया कि भीमा कोरेगांव मामले की राज्य सरकार की ओर से SIT जांच की जाएगी. मुंबई के वाईबी चव्हाण ऑडिटोरियम में एनसीपी नेताओं की यह बैठक हुई.
एनसीपी की बैठक में भीमा कोरेगांव मामले पर चर्चा हुई. इसके बाद तय किया गया कि राज्य सरकार भीमा कोरेगांव मामले की SIT जांच करवाएगी. पिछले महीने एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भीमा कोरेगांव में शामिल अफसरों की जांच की मांग की थी. लेकिन बाद में मुख्यमंत्री ने यह जांच एनआईए (NIA) को दे दी. मुख्यमंत्री के इस फैसले से शारद पवार नाराज नजर आ रहे हैं. अब इस मामले से जुड़े अफसरों की जांच के लिए SIT गठित करने का फैसला किया गया.
इस मामले पर मुख्यमंत्री की ओर से लिए गए फैसले और एनसीपी की बैठक के बाद अलग जांच की कवायद पर बीजेपी ने एक बार फिर सरकार को घेरने की कोशिश की.