दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सुधार-आम आदमी पार्टी

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ने साल 2015 में चुनाव जीतने के बाद दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सुधार का वादा किया था.

सरकारी स्कूल अपने ख़राब बुनियादी ढांचे और शिक्षा के स्तर के लिए जाने जाते हैं.

लेकिन दिल्ली के सरकारी स्कूलों की अब तारीफ़ हो रही है. कहा जा रहा है कि ये स्कूल प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ रहे हैं.

और तारीफ़ करने वाले लोगों में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी जैसे लोग हैं.

हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, “हालांकि अभी बहुत कुछ सुधार किया जाना है पर सरकारी स्कूलों में काफी सुधार हुआ है.”

आम आदमी पार्टी की सरकार ने ये दावा किया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों से पिछले साल 12वीं की परीक्षा में 96.2 फीसदी बच्चे पास हुए थे जबकि प्राइवेट स्कूलों के 93 फ़ीसदी बच्चे ही पास हो पाए थे.

ये सच है कि पिछले साल सरकारी स्कूलों का पासिंग रेट प्राइवेट स्कूलों की तुलना में बेहतर था. हालांकि सरकारी स्कूलों के मामले में ये आंकड़ा 94 फीसदी था जबकि प्राइवेट स्कूलों के मामले में 90.6 फीसदी.

इस लिहाज़ से दसवीं क्लास के नतीज़े देखना भी ज़रूरी है. इस बार सालों बाद बच्चों ने पहली बार एक्सटर्नल एग्ज़ाम दिए थे. साल 2018 और 2019 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों से केवल 70% और 72% बच्चे ही पास हो पाए थे जबकि 2017 में 92% बच्चे पास हुए थे.

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