कृषि कानूनों के विरोध में करीब आठ घंटे के बाद केंद्र सरकार और किसानों के बीच बैठक खत्म हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra singh Tomar) ने बताया कि बातचीत सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के साथ इस विषय पर ये चौथे चरण की बैठक थी. उन्होंने बताया कि शनिवार दोपहर 2 बजे यूनियन के साथ फिर से बैठक होनी है और शायद उस दिन हम किसी निर्णय पर होंगे. कृषि मंत्री से जब किसानों के आंदोलने समाप्त करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि आज हुई बैठक में इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई.
कृषि मंत्री आगे कहा, ” कोई विवाद होने पर एसडीएम कोर्ट या न्यायालय रहे ये यूनियन की चिंता थी. इस पर विचार करने के लिए हम पूरी तरह तैयार है. पराली के विषय पर ऑर्डिनेंस को लेकर किसानों की शंका है, विद्युत एक्ट को लेकर शंका है, उस पर भी सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है. एक्ट के जो प्रावधान है उसमें किसानों को पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान की गई है. फिर भी लोगों को शंका है तो उसका समाधान निकालने के लिए सरकार तैयार है.”
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बारे में किसानों की चिंता है. यह पहले भी जारी था, जारी है और आगे भी रहेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि परसों यानी 5 दिसंबर को दोपहर को दोनों पक्षों की फिर बातचीत होनी है और उम्मीद है कि हम किसी सर्वसम्मत समाधान पर पहुंचेंगे. कृषि मंत्री पीयूष गोयल भी इस बैठक में सरकार की ओर से उपस्थित थे.
कृषि मंत्री ने किसानों के आंदोलन को लेकर कहा, “आंदोलन समाप्त करने के लिए विषय पर कोई बात आज नहीं हुई. मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि सर्दी को देखते हुए किसान भाई आंदोलन समाप्त करें. बातचीत का सिलसिला जारी है. बातचीत के दरवाजे बंद नहीं है इसलिए किसानों से आंदोलन समाप्त करने की अपील करता हूं. ताकि दिल्ली के लोगों को जो परेशानी हो रही है वो भी दूर हो.”
वहीं दूसरी तरफ इस बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा है, “आंदोलन वापसी का कोई सवाल नहीं है. आज सरकार ने बातचीत की कोशिश की है लेकिन हमारी मांग है कि कानून वापस होना चाहिए. सरकार संशोधन की कोशिश में लगी है. सरकार ने विचार को लिए एक दिन का वक्त मांगा है. कल सुबह 11 बजे सभी किसान संगठनों की बैठक होगी. ”